प्रेरणास्रोत : कोरोना और सिगनल की समस्या बन रही थी बाधक, शिक्षिका ने बच्चों को बना लिया परिवार का सदस्य

उदयपुर (लाहौल-स्पीति)
Himachal news teacher education to children at home in corona crisis in Lahaul spiti Himachal Pradesh
कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने लगी तो जेबीटी छेरिंग डोलमा ने तीन गांवों के पांच बच्चों को अपने घर में ही रख लिया। वह उनकी पढ़ाई के साथ बच्चों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी कर रही हैं। उन्होंने पहली से पांचवीं कक्षा तक तीनों गांवों से इन बच्चों का मेह स्कूल में दाखिला भी करवाया है। खुद भी राजकीय प्राथमिक पाठशाला मेह में तैनात हैं।

छेरिंग डोलमा की शादी रारिक गांव में हुई है। शिक्षा और बच्चों के प्रति उनके इस लगाव की घाटी के लोग खूब सराहना कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान तीन महीने से बंद हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के लिए भी जद्दोजहद चल रही है, लेकिन घाटी में सिगनल की समस्या भी इसमें बाधक बन रही थी। ऐसे में शिक्षिका ने बच्चों को अपने घर में ही पढ़ाना शुरू कर दिया।
बच्चों की संख्या न के बराबर होने से घाटी के छिक्का, रारिक और लिम्क्युम गांवों में पिछले कई वर्षों से स्कूल बंद हैं। छेरिंग डोलमा ने पहली से पांचवीं कक्षा तक तीनों गांवों से बच्चों का मेह स्कूल में दाखिला करवाया है। उधर, बीपीओ केलांग शामलाल राशपा ने कहा कि क्षेत्र में नेटवर्क की दिक्कत है। इसके चलते शिक्षिका ने इन बच्चों को अपने परिवार का सदस्य बना लिया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश ने कहा कि शिक्षिका छेरिंग डोलमा अन्य अध्यापकों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।

 

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